December 23, 2024

निर्भीक कलम

सच कलम से

आईआईएफएल समस्ता द्वारा बॉन्ड्स की मदद से 1,000 करोड़ रुपये एकत्रित किए जाएंगे, प्रतिवर्ष 10.50 प्रतिशत तक का रिटर्न प्रस्तुत किया

निर्भीक कलम

देहरादून। भारत की सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाईनेंस कंपनियों (एनबीएफसी-एमएफआई) में से एक, आईआईएफएल समस्ता फाईनेंस द्वारा पूंजी संवर्धन और व्यवसायिक वृद्धि के लिए सिक्योर्ड बॉन्ड्स के पब्लिक इश्यू द्वारा 1,000 करोड़ रुपये एकत्रित किए जाएंगे। इन बॉन्ड्स पर उच्च सुरक्षा के साथ 10.50 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया जा रहा है। यह इश्यू सोमवार, 3 जून, 2024 को शुरू होगा और शुक्रवार, 14 जून, 2024 को बंद होगा।

आईआईएफएल समस्ता फाईनेंस द्वारा 200 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए जाएंगे, तथा 800 करोड़ रुपये तक की ओवर-सब्सक्रिप्शन बनाए रखने के लिए ग्रीन शू विकल्प होगा (जो मिलकर 1000 करोड़ रुपये के बराबर हो जाएगा)।

आईआईएफएल समस्ता बॉन्ड्स द्वारा 60 महीने की अवधि के लिए 10.50 प्रतिशत प्रतिवर्ष की सर्वाधिक कूपन दर प्रदान की जा रही है। यह एनसीडी 24 महीने, 36 महीने, और 60 महीने की अवधि के लिए उपलब्ध है। ब्याज के भुगतान की आवृत्ति हर सीरीज़ के लिए मासिक और वार्षिक आधार पर उपलब्ध है।

इसे क्रिसिल रेटिंग्स लिमिटेड की ओर से ‘क्रिसिल एए-/वॉच डेवलपिंग’’ की क्रेडिट रेटिंग और एक्विटे रेटिंग्स एंड रिसर्च लिमिटेड द्वारा ‘‘एक्विटे एए। रेटिंग वॉच नैगेटिव इंप्लिकेशन’’ की क्रेडिट रेटिंग दी गई है।

आईआईएफएल समस्ता फाईनेंस के एमडी एवं सीईओ, वेंकटेश एन ने कहा, ‘‘आईआईएफएल समस्ता फाईनेंस अपनी 1,500 शाखाओं के साथ पूरे भारत में मजबूत पहुँच रखता है। यह अपने विविधीकृत पोर्टफोलियो द्वारा सेवाओं की कमी वाली और वंचित आबादी, खासकर वंचित पृष्ठभूमि की महिला उद्यमियों की क्रेडिट आवश्यकताओं को पूरा करता है। इन बॉन्ड्स की मदद से एकत्रित की गई पूंजी का उपयोग इन ग्राहकों की क्रेडिट जरूरत को पूरा करने और व्यवसायिक वृद्धि लाने के लिए किया जाएगा।’’

आईआईएफएल समस्ता फाईनेंस उन महिलाओं को इनोवेटिव और किफायती वित्तीय उत्पाद उपलब्ध कराता है, जो सदस्यों के रूप में नामांकित होती हैं, समाज में बैंकिंग सेवाओं से वंचित वर्गों से ज्वाईंट लायबिलिटी ग्रुप के रूप में वर्गीकृत होती हैं। इनमें भारत के ग्रामीण, अर्द्धशहरी, और शहरी क्षेत्रों में खेती करने वाली किसान, कृषि मजदूर, सब्जी और फूल विक्रेता, कपड़े की व्यापारी, दर्जी, कारीगर, तथा घरेलू और औद्योगिक कर्मचारी शामिल हैं।

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